Breast Cancer के Stages और उनके उपचार

ब्रैस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है। अगर आपको स्तन का कैंसर हो गया है, तो आपको जानना चाहिए आपकी कैंसर स्टेज कोनसी है। क्युकी आपकी कैंसर ट्रीटमेंट और सर्वाइवल रेट कितना है यह आप जान सकते है। आप यहां स्तन कैंसर के स्टेजेस और उनके उपचार जान सकते है।

ब्रेस्ट कैंसर के कितने स्टेज होते हैं? (ब्रेस्ट कैंसर स्टेजेस in hindi)

वैसे तोह स्तन कैंसर  के 5 प्रमुख स्टेजेस होते हैं। स्टेज 0 (शून्य) को non-invasive ductal carcinoma in situ (DCIS) कहते है, और स्टेज 1 से 4 तक (invasive breast cancer) कहते है।

स्टेज 0 -

यह स्तन नलिकाओं यानि दूध बनाने वाले टिश्यूज़ में शुरू होता है और वहीं तक सीमित रहता है।

स्टेज 1 -

इस स्टेज में स्तन कैंसर को आक्रामक कहा होता जाता है। यह आसपास के हेअल्थी टिश्यू पर हमला करने लगता ह। यह फैटी टिश्यू और लिम्फ नोड के पास भी भी पहुंच सकता है।

स्टेज 2 -

इस स्टेज में कैंसर बढ़ जाता है या फिर फैल जाता है। यह ब्रेस्ट में है फिर लिम्फ नोड्स के आसपास है।

स्टेज 3 -

यह स्टेज में कैंसर आपके हड्डी के और ऑर्गन्स के काफी नजदीक पोहचता है, और इसका इलाज करना अधिक कठिन होता है।

स्टेज 4 -

स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर का मतलब है कि कैंसर शरीर के अन्य ऑर्गन्स में फैल चूका है। इसे सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर, एडवांस्ड कैंसर या मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर भी कहा जाता है। यह शरीर में लिवर, लंग्स और हड्डी तक फैला हुवा है।

ब्रैस्ट कैंसर के स्टेजेस 0 से लेकर 4 तक है। अगर आपको ब्रैस्ट कैंसर हो चूका है या नहीं यह जानने के लिए आपको सेल्फ ब्रेस्ट एग्ज़ामिनेशन करना सीखना चाहिए। ब्रेस्ट एग्ज़ामिनेशन में आपको शीशे के सामने खड़े होकर ब्रैस्ट के जगह दबाएँ और आपने आप की निरीक्षण करे की आपको कोई गांठ, सूजन या फिर तेज दर्द महसूस होता है या नहीं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहे है तोह आपको तुंरत ऑन्कोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।

स्तन कैंसर की स्टेज के अनुसार उपचार

स्टेज 0 का उपचार -

स्टेज 0 के उपचार से पहले डॉक्टर मैमोग्राफी या सोनोग्राफी से आपके स्तन कैंसर में गांठ का परिक्षण करते है। इसके बाद डॉक्टर आपकी आवश्यकताओं के आधार पर उपचार का सुझाव देगी जैसे की सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरपि और हार्मोनल थेरेपी जैसे ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते है। स्टेज 0 में पाए जाने मरीज में 98 प्रतिशत से अधिक मरीज अपने मूल निदान के कम से कम पांच साल बाद जीवित रहते हैं।

स्टेज 1 का उपचार -

स्टेज 1 ब्रैस्ट कैंसर में डॉक्टर आपको सर्जरी की सलाह देते है। इस स्टेज में मरीज की स्तन-संरक्षण सर्जरी कि जाती है किसे लम्पेक्टोमी या फिर मास्टेक्टॉमी भी कहा जाता है। अगर स्टेज 1 जल्दी पाया जाता है तोह इसमें 90 प्रतिशत से अधिक मरीज अपने मूल निदान के कम से कम पांच साल बाद जीवित रहते हैं।

स्टेज 2 का उपचार -

स्टेज 2 में ब्रैस्ट कैंसर कि गांठ लगभग 2 सेमी से अधिक और 5 सेमी से कम होती है। स्टेज II कैंसर का इलाज स्तन-संरक्षण सर्जरी से किया जाता है। अगर यह लिम्फ नोड्स के आसपास फैला हुवा है तोह इसके 86 प्रतिशत अधिक मरीज अपने मूल निदान के कम से कम पांच साल जीवित रहते हैं।

स्टेज 3 का उपचार -

स्टेज 3 स्तन कैंसर के लिए सबसे आम उपचार कीमोथेरेपी है। सर्जरी के बाद, यह बची हुई कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद कर सकता है। जब सर्जरी का कोई विकल्प न हो तो कीमोथेरेपी मुख्य उपचार हो सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, स्टेज 3 स्तन कैंसर के लिए 5 साल की जीवित रहने की दर 86 प्रतिशत है।

स्टेज 4 का उपचार -

कीमोथेरेपी अक्सर स्टेज 4 के लिए सर्वप्रथम उपचार होता है। यह कैंसर के ग्रोथ को धीमा कर सकता है। यह अक्सर हार्मोन थेरेपी के साथ भी दिया जा सकता है। इस चरण में कैंसर आपके हड्डी, फेफड़ों, यकृत और दिमाग मैं फैलता है। स्टेज 4 में स्तन कैंसर के लिए पांच साल की जीवित रहने की दर 22 प्रतिशत होती है।

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ब्रेस्ट कैंसर का लेटेस्ट इलाज

abplive के अनुसार भारत में राॅश फार्मा ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए दवाई लाॅन्च किया है। इस दवाई को अर्ली से लेकर एडवांस ब्रैस्ट कैंसर दोनों को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दवा दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, हायलूरोनिडेस के साथ पेरजेटा और हर्सेप्टिन को मिलाकर बनाई गई है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

स्तन कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। अगर आपको स्तन कैंसर का प्रारंभिक चरण पता चले तोह इससे भी जान बचाई जा सकती है। स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का दूसरा कारण है। इसलिए आपको सेल्फ ब्रेस्ट एग्ज़ामिनेशन सीखना चाहिए, और एग्ज़ामिनेशन के दौरान कुछ नज़र आजाये तोह जल्द से जल्द नज़दीकी ऑन्कोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।

लगभग हर 6 महीने में स्तन कैंसर का आकार दोगुना हो जाता है। पर यह हर एक महिला में अलग अलग हो सकते है क्युकी यह कई कारणों पर निर्भर करता है।

स्तन कैंसर की जांच आमतौर पर मैमोग्राफी से की जाती है। मैमोग्राफी में ऐसे ट्यूमर पाए जा सकते हैं जो आपको हात लगाकर महसूस करने के लिए बहुत छोटे होते हैं।

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