पीसीओडी (PCOD) – कारण, लक्षण, आहार और उपचार

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पीसीओडी का मतलब पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर होता है, यह एक प्रकार का हार्मोनल डिसऑर्डर है, और यह हार्मोनल डिसऑर्डर महिलावोंमें पाया जाता है। हमने इस लेख में पीसीओडी के कारण, लक्षण,जटिलताएं, आहार, उपचार और घरेलू उपचार के बार्रे में बताया है।

क्यों होती है पीसीओडी की समस्या?

पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर / पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज यह रोग मुख्य रूप से प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करता है। PCOD महिलाओं में Androgen (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ता है और उसके कारण ओवरी में छोटे सिस्ट बनने लगते है ।

आजकल की मॉडर्न जीवनशैली के कारण महिलाओं में यह समस्या दिन भर दिन बढ़ती जा रही है। रिसर्च के अनुसार, पीसीओडी १० में से १-२ महिला इस डिसऑर्डर का शिकार बनती है। क्युकी आजकल महिलाये ना खाना वक़्त पर खाती है ना खुद के सेहत का ख्याल रखती है।

PCOD किन्हे होता है?

पीसीओडी 15 से 44 के बीच की 5% से 10% महिलाओं को प्रभावित करता है, जिस उम्र में आप गर्भवती हो सकती हैं या फिर होना चाहती है। जब महिला गर्भवती होने में कठिनाई आजाती है तब महिला डॉक्टर के पास जाकर खुदका परीक्षण करने के बाद पता चलता है की उन्हें पीसीओडी होगया है।

पीसीओडी यौवन के बाद किसी भी उम्र में हो सकता है। अगर आपको अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, मुंहासे और बालों के अधिक बढ़ रहे है या फिर आपके घर में किसी की यह हार्मोनल डिसऑर्डर का शिकार है तोह यह आपको भी होने के chances बढ़ सकती है।

पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of pcod in hindi)

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पीसीओडी जैसे हार्मोनल विकार के लिए कोई एक लक्षण नहीं है। कुछ महिलाएं केवल मासिक धर्म (menstrual problems) की समस्याओं का शिकार हो सकती हैं या गर्भ धारण (conceive) करने में असमर्थ हो सकती हैं, या दोनों समस्या का शिकार बन सकती है। वह महिला के जीवन शैली और आहार पर निर्भर करता है।

पीसीओडी वाली सभी महिलाओं में सभी लक्षण नहीं दिखते है, और प्रत्येक लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक भिन्न हो सकते हैं।

पीसीओडी के लक्षणों के बारे में हमने नीचे बता रहे हैं :

  • अगर आपको मासिक धर्म (Menstruation) का ना आजाना । कम उम्र में अनियमित पीरियड्स आ रहे है तोह यह पीसीओडी के लक्षणों में से एक है। 
  • आपको गर्भवती होने में कठिनाई होना। 
  • अचानक से वजन बढ़ना (weight gain)
  • सिर के बाल का पतला होना और बालों का झड़ना। 
  • आपके चेहरे, छाती, पीठ पर Excessive हेयर ग्रोथ ।
  • गर्दन, कमर में और स्तनों के नीचे त्वचा का काला पड़ना। 

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहे है तो आपको अपने नजदीकी डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

पीसीओडी के कारण

पीसीओडी ओएस से पीड़ित महिलाएं कई तरह के कारणों से प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन इनमें से कुछ सबसे महत्वपूर्ण हैं:

  • अधिक इंसुलिन उत्पादन: शरीर में उच्च इंसुलिन का स्तर एण्ड्रोजन उत्पादन (एक पुरुष हार्मोन जिसमें महिलाओं की कमी होती है) को बढ़ा सकता है जिससे ओव्यूलेट करने में कठिनाई होती है।
  • अधिक एण्ड्रोजन उत्पादन: अंडाशय द्वारा उत्पादित अतिरिक्त एण्ड्रोजन हार्मोन मुँहासे और हिर्सुटिज़्म का कारण बन सकते हैं।
  • आनुवंशिकता: कुछ पीसीओडी वाली महिलाएं का आनुवंशिकता के कारण भी हो सकता है। 
  • हमेशा तनावग्रस्त महिलावों में भी पीसीओडी होने की संभवना होती है। 
  • जीवनशैली ख़राब होना। 
  • खाने पिने में कुछ उल्टा फुलटा खाना यानि की फ़ास्ट फ़ूड का सेवन ज्यादा करना। 
  • देर रात तक जगना और सुबह जल्दी न उठना। 
  • अचानक से वजन में बदलाव आजाना। 
  • नुट्रिएंट्स की कमी होना। 

Difference between PCOD and PCOS in Hindi

क्या पीसीओडी और पीसीओएस शब्द दिखने में समान लगते हैं पर यह एक दूसरे से अलग है। पीसीओडी और पीसीओएस के कही लक्षण में समानता है पर उसके बावजूद, जैसे कि दोनों विकार अंडाशय से जुड़े हुए हैं और हार्मोनल डिस्रप्शन का कारण बनते हैं, सच्चाई यह है कि वे काफी अलग हैं।

PCOD 

PCOS

पीसीओडी एक आम समस्या है, यह दुनिया में 10 फीसदी महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं।

पीसीओएस एक गंभीर समस्या है, जो विश्व की लगभग 0.2% से 2.5% महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं।

पीसीओडी की कोई गंभीर जटिलता नहीं है।

पीसीओएस में गंभीर जटिलताएं होती हैं जैसे टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और एंडोमेट्रियल कैंसर भी शामिल है। 

पीसीओडी से सभी महिलाओं में बांझपन नहीं होता है। लगभग 80 प्रतिशत मामलों में, महिलाएं संभवतः थोड़ी सी सहायता से गर्भधारण कर सकती हैं। 

महिलाओं में पीसीओएस से प्रजनन क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होती है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को नियमित रूप से ओव्यूलेट करने में कठिनाई होती है, जिससे उनके लिए गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है।

PCOD की जटिलताएं क्या हैं? (Complications)

पीसीओडी में विभिन्न प्रकार की जटिलताएं शामिल हो सकती हैं:

  • बांझपन
  • गर्भकालीन मधुमेह (Gestational diabetes) या गर्भावस्था से प्रेरित उच्च रक्तचाप हो जाना । 
  • गर्भपात होना या फिर समय से पहले बच्चे का जन्म होना। 
  • Type 2 डायबिटीज
  • डिप्रेशन या फिर चिंता होना 
  • असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव

मोटापा पीसीओडी से जुड़ा है और विकार की जटिलताओं को और भी बढ़ा सकता है।

पीसीओडी के लिए उपचार (PCOD Treatment in Hindi)

वैसे तोह पीसीओडी का कोई इलाज अभी तक नहीं है , लेकिन अपने जीवनशैली में बदलाव , वजन घटाना, अच्छे आहार का संतुलन से इसके मुख्य उद्देश्य लक्षणों को कम या ख़त्म किया जा सकता है। डॉक्टर्स पीसीओडी के लिए हर मरीज हो एक ही सलाह नहीं देते, इलाज हर महिला में उसेके जीवनशैली के अनुसार पीसीओडी की ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते है। उसमें से कुछ निचे उल्लेख किया गया है:

जीवनशैली में बदलाव

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस के स्तर को कम करना। 
  • प्रजनन क्षमता को बढ़ाना। 
  • अच्छे आहार का पोषण करना
  • हो सके तोह तनाव से दूर रहना। 
  • फाइबर से भरपूर चीजें खाएं। 
  • अगर आपका अचानक से वजन बढ़ गया है तोह वजन कम करना। 
  • शराब और सिगरेट जैसे अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहें रहना।
  • व्यायाम सेहत के लिए अच्छा होता है अप्पको रोजाना कम से कम ३० मिनट तक करना चाहिए। 

पीसीओडी के लिए दवाएं द्वारा उपचार

आपके मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने के लिए, आपके डॉक्टर यह सिफारिश कर सकते है:

  • Combination birth control pills
  • प्रोजेस्टिन थेरेपी 
  • क्लोमीफीन (Clomiphene )
  • लेट्रोज़ोल (Letrozole )
  • मेटफोर्मिन (Metformin)
  • गोनैडोट्रॉपिंस (Gonadotropins)
  • गर्भनिरोधक गोलियाँ (Birth control pills)
  • एफ्लोर्निथिन (Eflornithine)
  • इलेक्ट्रोलीज़ (Electrolysis)

ऊपर दिए गए दवाएं आपको डॉक्टर दवा लेने की सलाह दे सकते है। अगर डॉक्टर ने दवाएं कुछ नहीं दिए है तोह उनसे एक बार जरूर पूछे और आप कभी भी डॉक्टर से पूछे बिना मेडिकल स्टोर से यह दवाएं का सेवन न करे ।  क्युकी पीसीओडी के लिए दवाएं द्वारा उपचार हर महिला को अलग अलग हो सकता है। 

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पीसीओडी में क्या आहार लेना चाहिए?

शोध में पाया गया है कि लोग जो खाते हैं उसका पीसीओडी पर काफी प्रभाव पड़ता है। 

  • प्राकृतिक खाद्य पदार्थ खाना चाहिए। 
  • उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ खाना चाहिए। 
  • अगर आप मांसाहार खाते है तोह आपने डाइट में सैल्मन फिश का सेवन लेना चाहिए 
  • पालक, और अन्य हरी सब्जी भी खाना चाहिए। 
  • लाल रंग के फल, जैसे लाल अंगूर, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और चेरी खाना चाहिए। 
  • ब्रोकोली और फूलगोभी
  • सूखे सेम, दाल, और अन्य फलियां
  • healthful fats, जैसे जैतून का तेल, साथ ही एवोकाडो और नारियल
  • पाइन नट्स, अखरोट, बादाम, और पिस्ता सहित नट्स

पीसीओडी और बांझपन (PCOD and Infertility)

पीसीओडी होने का मतलब यह नहीं है कि आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं, क्युकी पीसीओडी में हर महिला को गर्भवती होने में समस्या नहीं होती है। महिलाओं में ओव्यूलेशन नहीं होना इसका मुख्य कारण हो सकता है। पीसीओडी बांझपन का एक आम कारण है। पीसीओडी वाले लोगों में हार्मोनल असंतुलन होता है जिसके कारण निम्न हो सकते हैं –

  • एण्ड्रोजन यानि पुरुष हार्मोन का उच्च स्तर हो जाना। 
  • अंडाशय में, छोटी, द्रव से भरी थैली बनने लगती है। 
  • अंडाशय का बाहरी आवरण मोटा हो जाता है। 
  • रक्त इंसुलिन का स्तर अधिक होता है। 

ये सभी चीजें ओवुलेशन में बाधा डाल सकती हैं। एक अनियमित या मिस्ड अवधि यह संकेत दे सकती है कि यह हो रहा है।

पीसीओडी के घरेलू उपचार

1. पीसीओडी के लिए एप्पल साइडर विनेगर

हाँ, एप्पल साइडर सिरका पीसीओडी के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह आपके इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करती है, जिससे कारण आपके सिस्टम को रक्तप्रवाह से और आपकी कोशिकाओं में अधिक ग्लूकोज को ट्रांसफ़र करने में मदद करता है।

2. दालचीनी

दालचीनी मासिक धर्म चक्रीयता में सुधार करता है और देखा गया है की पीसीओडी वाली कुछ महिलाओं के लिए एक प्रभावी उपचार विकल्प हो सकता है।

3. मेथीदाना

मेथीदाना न केवल ग्लूकोज नियंत्रण में सुधार करते हैं बल्कि इंसुलिन प्रतिरोध में भी सुधार करते हैं, जो पीसीओडी को नियंत्रित करने में मदत करता है।

निष्कर्ष

पीसीओडी एक हार्मोनल विकार है और यह जवान महिलावोमें ज्यादातर पाया जाता है। इसका कोई उपचार तोह नहीं है लेकिन आप ऊपर दिए गए जीवनशैली और आहार के माध्यम से जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

अगर किसी महिला को गंभीर पीसीओडी है तोह उन्हें इनफर्टिलिटी के ट्रीटमेंट उपलब्ध है उसके माध्यम से आप गर्भधारण कर सकती हैं। रिसर्च में देखा गया है की पीसीओडी की बजे से दूसरी भी कई बीमारियां होने का खतरा बन सकता है। इसलिए इसे नज़र अंदाज मत करे और अपने नजदीकी अच्छे डॉक्टर से परामर्श जरूर करे।

पीसीओडी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (PCOD FAQ Hindi)

1. PCOD क्यों होता है?

पीसीओडी का कोई सटीक कारण अनजान है। पीसीओडी पैदा करने में कई अन्य कारक भी भूमिका निभाते हैं जैसे की एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन का उच्च स्तर हो जाना शामिल है।

2. पीसीओडी जांच कैसे होती है?

पीसीओडी का निदान करने के लिए कोई परीक्षण नहीं है। हमेशा डॉक्टर आपके मासिक धर्म और वजन में परिवर्तन सहित आपके मेडिकल हिस्ट्री की चर्चा के साथ शुरू कर सकता है।

3. क्या मुझे पीसीओडी हो सकता है लेकिन कोई लक्षण नहीं हैं?

पीसीओडी वाली सभी महिलाओं में सभी लक्षण नहीं देखे जाते । जैसे की, पीसीओडी वाली कुछ महिलाओं में बालों का कुछ अधिक विकास होने लगता है, लेकिन उनका मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता सामान्य होती है।

4. पीसीओडी होने पर क्या महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं?

हां, पीसीओडी जैसे समस्या में महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं और गर्भावस्था पूरी कर सकती हैं। फिर भी मरीज को हमेशा डॉक्टर की सलाह लेना भी बहुत जरुरी है।

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